रविवार का दिन सूर्य उपासना के लिए सबसे उत्तम माना गया है। इस दिन सूर्य को जल चढ़ाने, मंत्र का जाप करने और सूर्य नमस्कार करने से बल, बुद्धि, विद्या, वैभव, तेज, ओज, पराक्रम व दिव्यता आती है। *
श्रीमती हुज्जी देवी राज देव को एक संत मिले और उन्होंने स्वप्न में बताया की मुझे सात घोड़ो पर सवार श्री सूर्य देव ने दर्शन दिए हैं और कहा की इंदौर शहर में हजारो वर्ष पूर्व सुख निवास एवं रंगवास के मध्य एक बड़ा सा तालाब था उसके किनारे तीर्थ स्थान एवं घाट थे घाट के पास मेरा एक भव्य मंदिर मेरे दरबार के साथ था। उस मंदिर को पुनः तेरे पुत्र हशमत को कहकर बनवा दे। तेरा पुत्र भी मेरा बहुत बड़ा भक्त हैं। मेरी आराधना करने से ही उसको दो पुत्र रवि एवं सूर्य का जन्म हुआ हैं। माताजी ने संत से अपनी आर्थिक असमर्थता व्यक्त की तब संत ने कहा की कार्य प्रारम्भ करने की यज्ञ तेरे पुत्र हशमत को कहो। धीरे-धीरे लोग जुड़ते जाएंगे कार्य होता जाएंगे तथा वहां आने वाले दर्शनांर्थियों की मनोकामना भी पूर्ण होगी। माताजी ने ऐसा ही किया एवं इस बात को इंदौर के अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वास्तुविद एवं ज्योतिष आचार्य डॉ. अरविन्द उपाध्याय को सुनाया। डॉ. उपाध्याय ने स्वप्न की व्याख्या करते हुए बताया की सूर्य दरबार का अर्थ यह हैं की श्री सूर्य देव के आठ दरबारी शेष आठो ग्रह एवं उनके देवता हैं।